Friday 27 May 2011

Our Corrupt Indian Media

मीडिया जिसे लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहते है, आज उन नेतावो की जमात में खड़ी है जिसे आज हर एक हिन्दुस्तानी नफरत की नजर से देखता है | ये हमारे लिए, हमारे देश के लिए बहुत दुःख की बात है की हम जनता जिनपे सबसे ज्यादा भरोसा जताते है वही इस देश को दीमक की तरह चाट रहे है |  फिर अचानक मेरे मन में खयाल आता है की आखिर ऐसी क्या वजह है की हमारे देश के इस चौथे स्तम्भ से जन मानस का भरोसा उठता जा रहा है | जिस मीडिया का हमारे देश की आजादी के संघर्ष में बड़ा योगदान रहा, जिस मीडिया के रहनुमा कभी लोकमान्य तिलक, लाला लाजपत राय, मोहनदास करमचंद गाँधी जैसे लोग रहे, वो मीडिया, आज सिर्फ और सिर्फ पैसा बनाने में लगी है | काफी सोचने के बाद एक निष्कर्ष पे निकला की आज की मीडिया मजबूर है बिचारी, आखिर करे भी तो क्या करे, ये सभी एक कंपनी की तरह अपना व्यवसाय कर रही है, प्रायः सभी स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध है | इस वजह से सबका मकसद सिर्फ और सिर्फ पैसा कमाना है | न्यूज़ चैनल जब देखने बैठो तो उस पर कॉमेडी सर्कस का रेकॉर्डेड फूटेज दिखाया जा रहा होता है | इनको वो विडियो क्लिप दिखाने में बहुत मजा आता जिसमे कोई पीट रहा होता है | ये मीडिया के लोग जब वहा रिकॉर्ड कर सकते है तो उस इंसान को वहा पीटने से बचाते क्यों नहीं है ?  इनकी भी मजबूरी है, अगर ये उस आदमी को पीटने से बचा लेंगे तो  इनका  एक न्यूज़ कहा से बनेगा? जिसे वो दिन भर में कम से कम दस बार दिखा सके और इस प्रोग्राम के बीच में ये कंपनियों के विज्ञापन दिखा सके जिनसे इनलोगों ने पैसे लिए हुए है | इनके ब्रेकिंग न्यूज़ देखे क्या कमाल के होते है, जो ये दिखाते है हमारे पास देखने के लिए वही होता है चाहे उस न्यूज़ में सच्चाई हो या न हो ये उसमे इतना मसाला लगा के दिखायेंगे की उसे हम जनता को सही समझ के देखना ही पड़ता है | इनको सिर्फ और सिर्फ अपने TRP और पैसे से मतलब होता है | हर न्यूज़ चैनल अपने को नम्बर वन कहता है और इतने दिन टीवी देखने के बाद भी मै इस नतीजे पे नहीं पंहुचा की आखिर नम्बर वन है कौन ? इनको पैसा दीजिये और जिसका भी आपको विज्ञापन करना है या जिस किसी भी प्रोडक्ट का आपको विज्ञापन कराना  है करवा लीजिये | इनको इससे कोई फर्क नहीं पड़ता की उस विज्ञापन से लोगो के जीवन पे या सोच पे कितना असर पड़ता है | समाचार पत्र  उठाइए तो आपको समाचार कम विज्ञापन ज्यादा पढने को मिलेंगे और हा आप ध्यान देंगे तो ये लोग उस व्यक्ति का साक्षात्कार भी छाप देंगे जिससे की उसके व्यवसाय का विज्ञापन भी हो जाये और उसका साक्षात्कार भी और सबसे मजेदार बात तो ये होती है की वो साक्षात्कार भी ये लोग पैसा लेके करते है या फिर उससे इनको नियमित विज्ञापन मिलता रहता है |

इनको अगर किसी के खिलाफ कोई समाचार मिलता है तो अगर इनके पास सही वक़्त पे पैसा पहुच गया तब तो ये लोग उस समाचार को दबा देंगे जो आम जनता को दिखाना जरुरी  था  लेकिन अगर इनके मुताबिक उस कंपनी या व्यक्ति से सौदा नहीं हो पाता है तो ये लोग जितनी सच्चाई होती है उससे भी कही अधिक अपने तरफ से मसाला लगा के जनता के सामने परोस देते है, और हम जनता उसे ही पूरी सच्चाई समझ के स्वीकार कर लेते है | 

मेरे गृह जनपद में एक पुलिस चौकी है वहा के कुछ सिपाही ऐसे है की वो खुल के कहते है की पर डंडा सौ रुपया दीजिये और जिसको आप पिटवाना चाहते है हम जाके उसपे उतना डंडा गिरा देंगे | और ये पुलिस वाले बिलकुल भी नहीं सोचते है की जो बन्दा पीट रहा है वो कुसूरवार है भी या नहीं, इनको बस उपरी आमदनी से मतलब है | यही कहानी हमारे मीडिया की भी है अगर आपको  भी किसी के खिलाफ कुछ गलत समाचार जनता के बीच तक पहचानी है तो इनसे संपर्क करे लेकिन ये आप ध्यान जरुर रखे की जेब में पैसा इनके मन मुताबिक हो नहीं तो अगले दिन के समाचार पत्र में आपके बारे में समाचार होगी या फिर टीवी पे किसी न्यूज़ चैनल पे आपका नाम ब्रेकिंग न्यूज़ में फ्लैश करता हुआ दिखाई देगा |

आज संयोग से जब मै आफिस से घर आने के बाद एक न्यूज़ चैनल खोला तो उसपे देखा की टॉप न्यूज़ ये है की अक्षय कुमार सात अलग बनियान में कैट वाल्क किये | क्या हो गया है हमारे देश के इस चौथे स्तंभ को ? क्या इनके पास जनमानस को दिखाने के लिए कोई भी ऐसा समाचार नहीं है जिससे की आम जनता प्रेरणा ले सके ? बहुत सी ऐसी घटनाये हमारे देश में घटती है जिससे प्रेरणा लेके व्यक्ति समाज के सुधार में अपना योगदान दे सकता है लेकिन हमारे देश में पत्रकारिता को पैसो का ग्रहण लग गया है,  ये सिर्फ वो ही समाचार जनता के सामने परोसते है जिनसे इनको व्यक्तिगत लाभ मिलता है या मिलने की सम्भावना होती है | जिसकी वजह ये जनता को गुमराह करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते है | ब्रेकिंग न्यूज़ दिखाने की सभी चैनलों में एक होड़ सी लगी रहती है और जिसके वजह से ये किसी भी स्तर पे गिर के अपना TRP बढ़ाने के लिए स्टिंग ऑपरेशन करते है , जिनमे से कुछ सही होते है तो कुछ बनाये जाते है | और तो और अगर कोई व्यक्ति या संस्था उनके इस गलत कृत्य के लिए कोई एक्शन लेती है तो सभी मीडिया एक होकर उसके खिलाफ हल्ला बोल देते है की तुम्हारी इतनी हिम्मत कैसे हो गयी की तुम मीडिया के खिलाफ बोल दिए | फिर देखिये सभी चोर-चोर मौसेरे भाई हो जायेंगे |

अभी इन दिनों, लगभग  हर किसी को चैनल और समाचार पत्र में एक कंपनी है कोई स्पिक एशिया जिसकी न्यूज़ सुनने या पढने को मिल रही है की ये कंपनी फ्रौड़ है जो ग्यारह हजार लेती है और अड़तालीस हजार एक साल में देती है | सुन के अटपटा सा भी लगता है आखिर ये कंपनी ऐसा क्या करती है की ग्यारह हजार लेती है और अड़तालीस हजार एक साल में देती है| फिर पता चला की ये कोई इन्टरनेट पे सर्वे करवाती है | आज हर समाचार पत्र और न्यूज़ चैनलों में उसे फ्रौड़ साबित करने में होड़ लगी है | जब की यही चैनल और न्यूज़ पेपर वाले उसका एक-एक पेज का विज्ञापन  और आधे आधे घंटे का टीवी पे विज्ञापन दिखाते थे | IPL का मैच देखने बैठता हु तो बीच में इस तथाकथित कंपनी का विज्ञापन देखने को मिलता है | अब ये न्यूज़ चैनल वाले जगे है जब उन्नीस लाख लोगो ने अपने मेहनत की कमाई इस तथाकथित कंपनी में लगा दी | जानकारी प्राप्त करने पे पता चला की ये तथाकथित कंपनी पिछले डेढ़ वर्षो से भारत में अपना ये कारोबार कर रही है | ये उस वक़्त क्या कर रहे थे जब इस तथाकथित कंपनी ने भारत में अपना व्यवसाय शुरू किया था ? कौन कहता है की ये समाज के सजग प्रहरी है ? ये तब क्यों नहीं जाच पड़ताल किये जब इस तथाकथित कंपनी ने इन समाचार पत्र वालो और चैनल वालो से अपना विज्ञापन देने के लिए संपर्क किया था लेकिन उस वक़्त तो मीडिया को सिर्फ और सिर्फ पैसा दिखा जिसका परिणाम ये हुआ की जनता इनके दिखाए हुए विज्ञापन की वजह से इतना प्रभावित हुई की कुछ ने तो अपने जीवन भर की कमाई हुयी पूजी का बहुत सा हिस्सा इस तथाकथित कंपनी में निवेश कर दिया | अगर उस  वक्त  हमारे देश के नेता और ये मीडिया जगी होती तो उन्नीस लाख लोगो का  पैसा आज इस तथाकथित कंपनी में नहीं फसा होता | अभी भी समय है, सरकार को इस मामले की सत्यता को जनता के सामने लाना चाहिए | अगर ये तथाकथित कंपनी फ्रौड़ निकलती  है तो ये मीडिया इस तथाकथित कंपनी के साथ साथ उतनी ही जिम्मेदार है जो पैसो के लालच में कुछ भी दिखाने के लिए तैयार रहती है | तथा भारत सरकार को विज्ञापन दिखाने सम्बंधित नए क़ानून पास करने चाहिए |

उम्मीद है मीडिया आने वाले समय में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की भूमिका इमानदारी से निभाएगी |

जय हिंद

आपका अपना
पीयूष चतुर्वेदी